एक बार एक कारपेंटर था, जिसकी उम्र थी 60 साल| 40 साल उसको हो गये थे नोकरी करते हुए| वो एक दिन अपने बॉस के पास जाता हैं की बॉस अब में रिटायरमेंट लेना चाहता हु| 40 साल मेने काम किया हैं अब में बच्चो के साथ और बच्चो के बच्चो के साथ समय बिताना चाहता हु|
अब बॉस, बॉस होते है जाते-जाते थोडा और काम निकलवा दिया जाए तो अच्छा हैं| उसका बॉस उस कारपेंटर को कहता है की “देखो ठीक हैं रिटायर होना हैं कोई प्रॉब्लम नहीं हैं तू अच्छे से रिटायरमेंट ले, लेकिन एक प्रोजेक्ट आया हैं एक आखिरी प्रोजेक्ट हैं, ढाई महीने का प्रोजेक्ट हैं| उसके बस तुजे अच्छी सी बिदाई की पार्टी देगे, अछे से गिफ्ट देकर, अछे से तेरे रिटायरमेंट का उत्सव मनायेगे|
और अगर आप भी उस कारपेंटर की जगह होते तो क्या करते?
हां बोल देते?
उसने भी हाँ बोल्दी और अगले दिन से काम पर आ गया|
लेकिन अब फरक आ गया, सोचा था घर बेतना हैं लेकिन जबरदस्ती काम पर आना पड़ रहा है| आज से पुरे मन से घर बनता था लेकिन अब आधा अधुरा मन काम पे लग रहा हैं|
जिस कारपेंटर ने अपने पुरे करियर में अच्छे से अच्छे घर बनाये, वो अपने करियर के आखिरी घर को पुरे दिल से नहीं बना पा रहा था|
बस काम चालू घर बना रहा हैं, और किसी तरीके से ढाई महीने लगा के आधे-अधूरे मन से काम चलाऊ घर तेयार कर दिया|
अब ढाई महीने खत्म हो चुके हैं, घर रेडी हैं और बॉस आता हैं, बॉस अभी घर की तरफ चल ही रहा होता हैं, घर से कुछ कदम दूर होता हैं, तो बॉस वह रुकता हैं, कारपेंटर का हाथ पकड़ता है, उसके हाथ में घर की चाबी रक्ता हैं और कहता है:
“यह तो तूने घर बनाया है यह घर तरफ से तुजे तोअफा है, तेरी 40 साल के काम का| ये तेरा अपना घर था जो तू बना रहा था|”
सोचो क्या बीत रही होगी उस समय पे उस कारपेंटर के दिमाग में, क्या चल रहा होगा उस कारपेंटर के दिमाग में?
काश, काश मुझे पता होता यह घर मेरा हैं, काश किसी ने मुझे बताया होता की यह घर मेरा हैं| तो में अपने करियर का बेकार घर बनाने के जगह करियर का सबसे अच्छा घर बनता, काश मुझे किसी ने बताया होता की इस घर में मुझे रहना हैं, तो में एक-एक कम ध्यान सबसे अच्छे से करता क्योंकि यह घर मेरा है|
काश में [Ctrl+Z] दबा के undo करके मेरा घर दुबारा बना पाऊं, काश, काश, काश, काश,काश….
यह कहानी मेने आपके साथ share क्यों की, क्योंकि इसी तरह इस कारपेंटर की तरह हम भी हर रोज अपने आने वाला कल बना रहे हैं|
हर रोज हम किल लगा रहे है, हर रोज पालिसी कर रहे है अपने भविष्य के लिए, उस भविष्य की जिसमे हमें रहना हैं, जिसको हमें जीना हैं जो हमारे आने वाला कल हैं|
हम में से कुछ लोग अपने आने वला कल को सजाते हैं, उसके लिए एक्शन लेते हैं और हम में से ही कुछ लोग आने वाले कल में यह कहेगे: काश, काश, काश..
अगर आप अपनी जॉब पर 100% परफॉर्म कर रहे हो, अपना बेस्ट दे रहे हो तो आने वाले समय पे आपके पास एक अच्छी स्थिति और अच्छी पगार होगी|
और अगर अपना बेस्ट नहीं दे रहे है, अच्छा पेर्फ्रोम नहीं कर रहे तो आपके पास बचेगा: “काश”
इसे अगर आप विध्यार्थी हो और अपने समय का पालन कर रहे हो और हर रोज महनत कर रहे हो तो आने वाले समय में आपके पास में एक अच्छा करीर होगा|
और अगर कार्य नहीं कर रहे तो दुसरो को देख के आप भी बोलोगे: “काश”
तो चाहे आप विध्यार्थी, जॉब में हो, बिज़नस में हो, अध्यापक हो, खिलाडी हो, पापा हो या मम्मी हो, आप हर रोज अपने आने वाला कल बना रहे हो|
और आपके आने वाला कल कैसे होगा यह आपका हर दिन का एक्शन पर निर्भर करेगा|
अब दोनों में से एक ही ही चीज संभव हैं और इसे आप ही चुनेगे की भविष्य में आपको काश चाहिए या आकाश|
भविष्य में अपनी मर्जी से जीना हैं या काश नाम का कडवा खून पीना हैं| तो आज से अभी से अपने शानदार भविष्य को पेंट करना सुरु कर दीजिये, अपने भविष्य की इंटे अच्छे से लगते हैं| अपने कड़ी महनत के साथ अपने फोकस के साथ अपने भविष्य को पेंट करते हैं| अपने समझ के साथ अनुशासन के साथ अपने भविष्य की लकड़ी की खोदाई (carving) शुरू करते हैं|
एसे कदम बढ़ाते चले, एसे भविष्य सजाते चले: All The Best.
इतनी अच्छी प्रेरणादायक कहानी (Inspirational Story) को अपने मित्रो को social profile से share करना न भूले|